कातिल
Sunday, December 11, 2011
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Hindi Poems

अपने कातिल पर भी मुझे प्यार आता है
जब उनकी याद दिल में आती है
हाँ ये सच है की क़त्ल किया है उसने मेरा
पर माफ़ ये सोच कर कर देता हूँ की
क़त्ल करने के लिए ही सही वो मेरे पास तो आयीं.
यकीन आज भी ये है की वो मेरे कब्र
पर आतीं होगीं फूल ले कर
यकीन आज भी ये है की वो रोतीं नहीं होंगीं
मेरे कब्र पर सर रख कर
फिर भी खुश हो लेतें हैं ये सोच कर
की हँसतीं भी तो नहीं होंगीं आ कर मेरे कब्र पर.

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