कैसे भूलें

Monday, December 26, 2011

0 comments



आज सोचा
तुमने हमें भूला दिया
तो हम भी तुम्हे भूला दें ,
पर भूलें भी तो कैसे भूलें
जान बुझ कर तुम्हे दिल में बसाया नहीं
तो जान बुझ कर कैसे भूला दें?



शिकायत

Saturday, December 17, 2011

0 comments
                       गैरों के पास वक़्त होता है कहाँ
की वो किसी को रुला सकें
अपनों ने ही रुलाया है जब हमें
तो शिकायत किस्से से करें?  

कातिल

Sunday, December 11, 2011

0 comments



अपने कातिल पर भी मुझे प्यार आता है
जब उनकी याद दिल में आती है
हाँ ये सच है की क़त्ल किया है उसने मेरा
पर माफ़ ये सोच कर कर देता हूँ की
क़त्ल करने के लिए ही सही वो मेरे पास तो आयीं.

यकीन आज भी ये है की वो मेरे कब्र
पर आतीं होगीं फूल ले कर
यकीन आज भी ये है की वो रोतीं नहीं होंगीं
मेरे  कब्र पर सर रख कर
फिर भी खुश हो लेतें हैं ये सोच कर
की हँसतीं भी तो नहीं होंगीं आ कर मेरे कब्र पर.