तस्वीर

Sunday, July 03, 2011


जो मिल जाये तुम्हारी तस्वीर कभी,
तो उलझन में पड़ जाऊँगा मैं. 
मंदिर में रखूंगा किस्से,
भगवान को या तुम्हे,
परेशानी में पड़ जाऊँगा में.

बात तो होगी वो बाद की,
गंगा जल में लऊँगा कहाँ से?
हाथ जो धोने होंगें मुझे,
तस्वीर तुम्हारी छुने के लिए.

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